शनिवार, 8 अक्टूबर 2011
हम आर्यवीर
लिये पताका भगवा रंग की आर्यवीर हम आये है भारत माँ सोये सपूतो तुम्हे जगाने आये है सोये मन मे वीर शिवा और राणा प्रताप अगड़ाइ ले ऐसा रण रच डालो देशद्रोही दुहाइ दे ये पथ पथरीला और कंट से पटा हुआ रौँद डालो जयचंदो का सिर जिनकी करनी से शीश हिँदुतत्व का झुका हुआ खंड खंड ना हो पाये भारत अंखड दीप ही जलता रहे माँ भारती की गोदी मे सदा सदभाव पलता रहे तेज करो तलवारे अपनी पर सिर अपनो का ना कटने पाये आंख उठे जिसकी देश धर्म पे जिवित वो ना बच पाये सत्य अंहिसा हो मन मे तन से तेजोमय बने रहो हो संस्काय सनातन वाले ना धर्म की कभी अवज्ञा हो राष्ट्र सर्व है हिँदुत्तव सर्वत्र यही कामना करता चल पंथ नही हिँदुत्तव देश का जीवन पद्धति ऐसा सबको बतलाता चल सेकुलर के नाग विषैले जब जहर समाज मे घोले हिँदु को आंतकी कहते आओ इनका सिर तोड़े अब तो जीवन अर्पण कर दो हे समय की माँग यही भारत के झंडे तले फिर सिँधु बहे
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AB SABHI SAMAAN HAI. KOI KISI SE KAM NAHI
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