रविवार, 6 फ़रवरी 2011
आज की पत्रकारिता
-- Blogvani.com Link -->इस लेख का उद्देशय कतई ये नही की मैँ पत्रकारिता की गरिमा को कम आंक रहा रहा हूँ क्योकी पत्रकार समाज ही एक मात्र सेतू है जो समाज और सरकार के बीच काम करता है लेकिन कुछ दशको से पत्रकारिता समाजवादी न हो कर पूँजीवादी हो चली है दो दशक पहले जहाँ पत्रकारिता का स्वरूप था वो अब देखने को नही मिलता पत्रकार समाज निष्पक्षता को छोड़ कर निजता की और चल पड़ा है हम यह भी कह सकते है पत्रकारिता सामाजिक न होकर सरकारी मशीनरी है जो सरकार की मामूली अच्छाईयो को विस्तृत और वृहद बुराईयो का लघु रुंपान्तिरत कर हमारे बीच प्रस्तुत करती है जमाखोरी भ्रष्टाचार नौकर शाह जैसी प्रगति मे बाधक बनी इन व्यवस्था पर अपनी कलम क्यो नही घिसती आज का युग तकनीकी युग है पत्रकारिता वर्ग मेँ भी इसका खूब चलन बढा है स्टिँग आपरेशन के नाम पर उस प्रकार की खबरो को प्रसारित करते है जिसका समाज से कोई लेना देना नही कभी स्वाधीनता संग्राम मेँ आजादी की अलख जगाने मै पत्रकारिता समाज के योगदान को हम नही भूले है कितु आज हर समाचार पत्र न्युज चैनल अपना हित साधने मे लगा है वह विरोध की हवा तो देता है लेकिन नया विषय मिलते ही पुरानी खबर को भूल जाता है कई एसी बड़ी खबरे है जिनको पत्रकाराति ने हवा दी और वे अब उस पर बात भी नही करते मुझे आमिर खान जी का धन्यवाद करता हु जिन्होने पीपली लाईव मे आज की पत्रकारिता की छवि पेश की है सौ फिसदी सत्य है आज फिर पत्रकारिता समाज को अपने निजि हितो को त्याग कर निष्पक्ष हो कर समाज और देश कि प्रगति मैँ अपनी आहुति दे तभी सच्ची पत्रकारिता सार्थक होगी .
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