गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011
भारतीय हो तो संघ मे चले आओ
मुझे आज अपने आप को हिन्दू कहना पड़ेगा क्योकी आज मै संघ की गाथा लिखने की चेष्ठा कर रहा हु और मेँ भयभीत हू की मेरे इस कृत्य को हमारे कुछ राष्ट्रवादी मुझे साप्रदायिक कहने लगेगे मेरा राजनीती और संघ से कोई नाता नही है और न ही मै कोई आलोचक हुँ पंरतु आज संघ के प्रति नतमस्तक हु और कहता हु तुम भारतीय हो तो संघ मे चले आओ क्योकी संघ एक पाठ शाला है जहाँ भारतीयता का सबक पढाया जाता है अनुशासन की डिग्री मिलती है और लोकसेवा की चाकरी खाकी हाफ पैँट काली टोपी सफेद कमीज को ही कई लोग संघ मानते है लेकिन इसके विपरित संघ का स्वरूप एक कर्मठ अनुशाशित और राष्टवादी संगठन है संघ प्रांतवाद से कोसो दूर है संघ अंखड भारत का समर्थन करता है और उसकी यही बात हमारे राजनीतिज्ञो को नही सुहाती और इन्होने संघ पर दोषारोपण किया संघ एक दंगा फैलाने की संस्था है संघ की सहनशीलता का जबाब नही वह शांत रह कर अपना कार्य करता रहता है हमे गर्व होना चाहिये संघ की इमानदारी पर नाथूराम द्वारा गांधी जी कि हत्या (अपवाद) को छोड़ दिया जाय तो संघ की छवि उन राजनीती दलो से उजली होगी जो संघ पर उंगली उठाते है ये राजनिती संगठन संघ को अपना प्रतिद्वंदि मानते आ रहे है और अल्पसंखयको की नजरो मे संघ को हिन्दू संगठन कहते है मै भारत के मुसलमानो से पूछता हू संघ ने कभी तुम पर उंगली नही उठाई तो तुम संघ से क्यो नजरे चुराते हो उठ कर जागो और संघ मे आकर देश के लिये काम करो और जबाब दो उन राजनीती के लंपटो को जो सत्ता सुंदरी को भोग रहे है आगे आपकी मर्जी जय भारत .
सदस्यता लें
संदेश (Atom)