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बुधवार, 22 जून 2011

गाँधी जी को दोष देना गलत है गाँधी ने हर भारतीय को सवाम्ब्लन बनना सिखा अगर आज हम गाँधी के विचारो के पीछे होते तो देश की ये दशा नहीं होती कांग्रेश जिस तरह गाँधी जी को अपना नेता मानती है ये उसकी सची भावना नहीं वरन उसकी कूट निति है क्यों की जब गाँधी जी ने कांग्रेश को ख़त्म करने की बात राखी थी जब कांग्रेस ने उनका समर्थन नहीं किया अगर गाँधी कहते तो सत्ता सुख भोग सकते थे  क्युकी  उस समय गाँधी जी का सम्मोहन सरे देश में था जिसे धूर्त कांग्रेस ने अपने हित में भुनाया ये बात किसी से छिपी नहीं है आज़ादी के बाद तुरंत गाँधी जी की हत्या भी कोंग्रेस के लिए विश्वास पात्र पार्टी बनकर उभरी गाँधी के उस वाक्य  में उनकी राष्ट्रवादी विचार धरा धिक्ति है वो कहते थे भारत गावो  में बसता है गाँधी जी हिन्दुत्त्व वादी विचारो के समर्थक थे यह बात कांग्रेश भी जानती थी लिकिन वे गाँधी जी के सामने विरोध नहीं करते क्यों की कांग्रेस देश की सत्ता पर काबिज़ होना चाहती थी लेकिन गाँधी जी को कांग्रेस में पूरी आस्था थी इस कारन गाँधी जी को लेकर कांग्रेस में भी एक राय नहीं बन सकी  इस वजह  से सुभाष बोस  लोकमान्य तिलक ने गरम दल बना लिया