शुक्रवार, 11 मार्च 2011
इंटरनेट या पोर्नगेट
-- Blogvani.com Link -->आज इंटरनेट युग का आगाज हो चुका है और हम इंटरनेट पर निर्भर हो चुके है विज्ञान की इस चमत्कारिक धरोहर का खूब दोहन हो रहा इंटर नेट के वजूद की वजह से है हम प्रगति की राह पर सरपट भागे जा रहे है आज इंटरनेट का हर जगह बोलबाला है चाहे चिकित्सा विज्ञान हो या बैँकिग या फिर रक्षा एसा कोई क्षेत्र अछूता नही जहाँ इंटरनेट का मायाजाल ना हो लेकिन आज यह विज्ञान का वरदान एक जालसाजी और अशलीलता जैसे कार्यो मे भरपूर उपयोग हो रहा है जो की एक विकट समस्या बन कर सामने आ खड़ी हुई है और हमारे भारत देश जो की विश्व का सबसे युवा देश उसके युवा साथी इस अंतरजाल के मायाजाल मे अपना चरित्र और अमूल्य समय नष्ट कर रहे है आज हम प्रेँमचंद और जयशंकरप्रसाद को उतना नही जानते जितना सविता भाभी और अन्तरवासना को जानते है आज इंटरनेट सेक्स की मंडी बन चुका है पहले तो विदेशी सामग्री ही थी लेकिन आज भारतीय सेक्स बाजार जोरो पर मुनाफा कमा रहा है और हमारी सांस्कृति को रौँद रहे है और भोले लोगो की जेबो को काट रहे है लुभावने विज्ञापन जिन्हे जिस अदा से परोसा जाता है की हम आर्कषित हो जाते है और अपना क्रेडिट कार्ड उन पर लुटा देते है आज की इस समस्या के हल का कोई विकल्प नजर नही आता आई टी विशेशज्ञ भी बेबस है हमारी सरकार इस दिशा मे गंगू और बहरी बनी हुई है मुझे शक होता है कही सेक्स बाजार की कमाई मे हमारे नेताजी का भी हिस्सा हो इस बात मे कोई शक नही खैर पहले हमे सुधरना होगा तभी हम औरो को सुधार पायेगे इस लिये मैँ अपने मुँह पर उँगली रखता हुँ और अपनी कलम को यही विराम देता हुँ धन्यवाद - जय राष्ट्रवाद
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