बुधवार, 9 फ़रवरी 2011
मेरे भारत के लोगो का प्रेम दिवस
हम भारतीय का स्वाभिमान इस हद तक निम्न स्तर का हो चुका है की हमने जगत को प्रेम का अर्थ समझाया और अब इंगलिस्तान ने हमारे लिये प्रेम करने का दिन मुर्करर कर दिया छि. भारतीयो तुम्हारी नँपुस्कता तो वीर अर्जुन से बढ कर है क्योकी स्वर्ग की बालाये उसका मनोबल न तोड़ सकी और हम निर्लज्ज़ एक संपन्न राष्ट्र की बेहूदा साँस्कृति के माया आधिन इस कदर हुये अपना स्वाभिमान ही उन्हे बेच बैठे पूरी वंसत ऋतु यूँ ही बिता दी तुम किसी को प्रेम निँमत्रण न दे सके क्योकी तुम वेलेनटाइन डे के आधीन है तुम्हारी प्रेमिका और तुम ये मानते हो आज के दिन हि तुम्हारा प्रेम सत्य होगा जब विदेशी मंहगे उपहार पर हमारा धन विदेशी खाते मे जमा करोगो तभी प्रेमी कहलाओगे धन्य है तुम्हारा प्रेम तुमने तो हमारी भारत माता को रुला कर रख दिया मेरे लोगो सनद रहे ये विदेशी माया का भ्रम कभी तो टूटेगा उस दिन तुम मातृभूमि को याद करोगे.
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