शनिवार, 12 फ़रवरी 2011
कौन देशद्रोही
अभी मैने विनायक सेन बारे मे सुना वह देश द्रोही है क्योकी वह नक्सल समर्थक गतिविधी मे लिप्त है लेकिन मै उसे दोषी तो मान सकता हु लेकिन देशद्रोही कहना पक्षपात करने जैसा है क्योकी देश मे कई कट्टर देशद्रोही है जो मलाईदार कुनबो का प्रतिनिधित्तव करते है और अपने को देशभक्त की श्रेणी मे गिनते है इसलिये पहला हक उनका बनता है की वह अपने को देशद्रोही साबित करे एक अकेले विनायक को देशद्रोही कहना ठीक नही आज हम भी देशद्रोही है क्योकी देश के लिये स्थाई और ईमानदार सरकार नही चुनते एक देशद्रोही वे अफसर है जो घूसखोर और पद का दुरुपयोग करते है और हम इनके खिलाफ आवाज नही उठाते और बेमतलब किसी राजनैतिक दल की सभा मे चिल्लाते है विकास का रोना रोते है यहाँ तक हमारी कानून व्यवस्था भी देशदोही है जो कसाब और अफजल को अभी तक जीवन दान दिये है एक देशदोही हमारी सरकारी जाँच ऐजेसी है जो बरसो सरकारी धन लुटाने के बाद भी संतोषजनक परिणाम नही देति और बोफोर्स टेलिकाम नकली स्टांप जैसे घोटाले को इतना लंबा खिँचती है की आरोपी मृत्यु हो जाती है और वह सजा भी नही भोग पाता ये हमारी कमजोर सरकारी मशीनरी की विफलता है क्योकी हमारे पास कुशल कार्मिक नही है क्योकी हर विभाग हर कर्मचारी मैँ मे विशवास करता है आज देश का युवा भी देश द्रोही है एक आजादी की कीमत ये नही जानते फैशनपरस्रति और मार्डन बनने की होड़ ने इनका चरित्र दागदार कर दिया है मुझे इन्हे भारतीय कहने मे शर्म आती है ये आज सच्चे देशद्रोही है
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