शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012
तुम ऐसा करना
विचार भले ना मिले हमारे.पर देश राह पर मिल जाना .अगर भटक जाऊ पथ से दीपक तुम दिखला देना.साथ मेरे बस साहस है तुम उर्जा मेरी बन जाना. भारत के भाल पर जो निशान बैरी ने दागे है .धरा स्वर्ग पर जिसने बहाये रक्त पनाले है .खड़ग उठा तुम उन भीरू के शीश भूमि पर चढा देना.धर्म आँच पर आये तो सिँहनाद तुम कर देना. कुरुक्षेत्र और गीता का मन मे सुमरन कर लेना.मर जाना रण मे पर पाप हरण तुम कर लेना.मोह अगर रोके तुमको तो मातृभूमि को याद करो.विचलित हो मन तो सत्य की टंकार करो .वीर प्रसूता के रक्त ऋण को आज चुका देना.रंगे सियार और कुत्ते घात लगाये बैठे है सत्ता के मद मे कर्णधार देश के ऐँठे है.आज उन्हे देश प्रेम का पाठ पढा देना.विरोधियो के हाथ उठे है देश की पंरपराओ पर अंधकार पश्चिम का छाय आर्य संतानो पर .वेद प्रकाश की ज्योति से उस तिमिर का अंत कर देना. महाशक्ति हो भारत विश्व की बस संकल्प यही हो .राष्ट्रवाद ही जागे समाज मे लक्षय यही हो .भारत को फिर से तुम वैदिक पथ पर ले जाना..,.वंदेमातरम
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