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सोमवार, 22 नवंबर 2010

भारत की नारी

इस लेख़ को पढ़ कर महिला आयोग को मिर्ची लग सकती है आज की नारी द्रोपदी से कम नही और लाज की परिभाषा जो हमे इनसे सीखी आज स्वंम भारतभूमि शर्मसार हो रही है ये मित्र किसी और को प्रेमी किसी और को संबध किसी और से आज की आधुनिक मेनका रिझाने की उच्च कोटि की तकनीक अपनाती है लिव ईन रिलेशन इनका शौक है यहाँ तक पूंजी बाजार की ये कर्णधार है ये नमक से लेकर परिवार नियोजन सामग्री चड्डी बनियान और अनेको पुरुष संबधी उत्पाद बेचने मेँ पांरगत है अब आप ही सोचे आधुनिक नारी मे सावित्री सुलोचना आदि देवीयो की कल्पना निर्थक है अब इन नारीयो के उदर से राम कृष्ण महावीर बुध्द आदि जन्म नही लेगे आज़ भारत की आधुनिक नारियो का दायित्तव है की वे लाज का आंचल सदा सिर पर रख़े क्योकी आज भारतभूमि को फिर एक महापुरुष की आवशकता है जिसे एक सती नारी ही जन्म दे सकती है