सोमवार, 22 अगस्त 2011
कुछ सालो पहले एक फिल्म आई लगे रहो मुन्ना भाई जिसमे नायक दादागिरी छोड़ कर गांधीगिरी करता है गांधी सत्याग्रह करते थे और हम गांधी गिरी कर रहे है गांधी जी अनुशासन मे चलते थे और अनुशासन चलाते भी थे हम ना अनुशासन मे चलते है और किसी को चलने भी नही देते और गांधीगीरी करते है टेरिकाट की टोपी पहन कर जिसका मूल्य दस रूपये होगा यानी कि आज गाँधी जी के आदर्श दस रूपये मे खरीद सकते है गांधी जी निंदा नही करते थे आप निँदा किये बिना आगे बढ़ नही सकते आप फिर कैसे गांधी का अनुशरण कर रहै है एक टोपी लगाने भर से क्या आप गांधी के प्रतिबिँम्ब बन जाओगे उस गांधी से पूरी अंग्रेज सरकार डरती थी आपसे आपके मोहल्ले का थानेदार नही डरता क्यो बेवजह भीड़ मे शामिल होते हो
कुछ सालो पहले एक फिल्म आई लगे रहो मुन्ना भाई जिसमे नायक दादागिरी छोड़ कर गांधीगिरी करता है गांधी सत्याग्रह करते थे और हम गांधी गिरी कर रहे है गांधी जी अनुशासन मे चलते थे और अनुशासन चलाते भी थे हम ना अनुशासन मे चलते है और किसी को चलने भी नही देते और गांधीगीरी करते है टेरिकाट की टोपी पहन कर जिसका मूल्य दस रूपये होगा यानी कि आज गाँधी जी के आदर्श दस रूपये मे खरीद सकते है गांधी जी निंदा नही करते थे आप निँदा किये बिना आगे बढ़ नही सकते आप फिर कैसे गांधी का अनुशरण कर रहै है एक टोपी लगाने भर से क्या आप गांधी के प्रतिबिँम्ब बन जाओगे उस गांधी से पूरी अंग्रेज सरकार डरती थी आपसे आपके मोहल्ले का थानेदार नही डरता क्यो बेवजह भीड़ मे शामिल होते हो
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