मैँ जब भी अखबार पढता हूँ एक बात मुझे कचोटती है जब सेक्स विज्ञापन देखता हुँ की आज हम किस दिशा मे जा रहै है पूरे अखबार मे मसाज पार्लर एसर्काट सर्विस फोन सेक्स और न जाने क्या क्या बेहूदे विज्ञापन बड़ा अफसोस है तकनीकि का हम दुरपयोग कर रहे है हद तो तब है हमारा समाज चुप बेठा है और सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया नही करती और ना हि इनके चंगुल मे फसाँ कोई शर्म के
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