भ्रष्टाचार से दुखी जनता नेता संसद और उपर से जनलोकपाल को लेकर रोध प्रतिरोध एक बात चुभती है ये भ्रष्टाचार जनता को आज याद आ रहा है जब हमारे यहा सकल घरेलू उत्पाद बढा है जो विकास का सूचक माना जाता है क्या वाकई जनता भ्रष्टाचार से तंग है नही वो भ्रष्टाचार से तंग नही बल्कि उस कार्यप्रणाली से त्रस्त है जिसने भ्रष्टाचारी विषाणु प्रशासनिक सेवाओ मे छोड़े जिससे हर सरकारी विभाग पीड़ित हो गया भ्रष्टाचार के बिना अधिकारी बाबू पुलिसवाला चपरासी रह ही नही सकते और ये बात भारत का हर नागरिक 64 सालो से देखता आ रहा है
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