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बुधवार, 23 मार्च 2011

23 मार्च के शहीदो को नमन

आज शहीद दिवस है इसे याद रखना हमारे युवाओ के लिये शर्म की बात है क्यो की वो इतिहास को एक किताबी ज्ञान मान बैठे है और जिसको याद है वह एक पिछड़ा और देहाती है आज सोशल नेटवर्क साइट पर युवा मनचले सांड बन कर नारी को आर्कषित करने मे लगा हूआ है एसे युवा प्रेम दिवस और अंग्रेजी साल को ऐसा मनाता है जैसे उनके बाप दादा इगलिस्तान से आये हो केवल कुछ युवा जिनमे खालिस भारतीय रक्त प्रवाहित है वे ही जानते है की भगत सिँह और आजाद एक सिरफिरे आशिक थे जो देश से प्रेम करता था और एक सच्चे आशिक की तरह देश पर मर गये और हमे आज उनकि याद मेँ एक आँसू का कतरा बहाने मे शर्म क्यो होती है तुम लोगो को आजादी भीख मे मिली है भला हो भारत के उन क्राँति वीरो का जो आजादी बिना कोई मोल लिये तुम्हे अर्पण कर दी वरना किसी अँग्रेज का मल मूत्र फेकते उन शहीदो को बड़ी पीड़ा होती होगी जो इस देश का भद्दा रूप देखते होगे और सोचते होँगे हमने अपनी जवान क्यो तुम पर लुटा दी बेचारे गाँधी बाबा जिनके आदर्श हमे जीवन मे उतारना चाहिये था हमने उनको नोटे पर उतार दिया और गाँधी का सत्य अँहिसा भ्रस्टाचार और गरीबी की भेट चढ गया और हम कुछ कर नही पा रहे है वैसे कहने को हम लोकत्रँत मे जी रहे है लेकिन हमारी आत्मा को आधुनिकता और वासना ने जकड़ रखा है जब हमारी आत्मा ही गुलाम है तो हम गुलामी की बेड़ियो को काटने वालो को कैसे याद कर सकते है दो लाइन और लिखता हुँ मिट नही सकती शहादत चाहे लाख कोई मिटाये एक जीवन मेरा मिट गया देश पर गम नही आखिर हम मिट्टी के कुछ काम आये .

शुक्रवार, 11 मार्च 2011

इंटरनेट या पोर्नगेट

-- Blogvani.com Link -->Blogvani.comआज इंटरनेट युग का आगाज हो चुका है और हम इंटरनेट पर निर्भर हो चुके है विज्ञान की इस चमत्कारिक धरोहर का खूब दोहन हो रहा इंटर नेट के वजूद की वजह से है हम प्रगति की राह पर सरपट भागे जा रहे है आज इंटरनेट का हर जगह बोलबाला है चाहे चिकित्सा विज्ञान हो या बैँकिग या फिर रक्षा एसा कोई क्षेत्र अछूता नही जहाँ इंटरनेट का मायाजाल ना हो लेकिन आज यह विज्ञान का वरदान एक जालसाजी और अशलीलता जैसे कार्यो मे भरपूर उपयोग हो रहा है जो की एक विकट समस्या बन कर सामने आ खड़ी हुई है और हमारे भारत देश जो की विश्व का सबसे युवा देश उसके युवा साथी इस अंतरजाल के मायाजाल मे अपना चरित्र और अमूल्य समय नष्ट कर रहे है आज हम प्रेँमचंद और जयशंकरप्रसाद को उतना नही जानते जितना सविता भाभी और अन्तरवासना को जानते है आज इंटरनेट सेक्स की मंडी बन चुका है पहले तो विदेशी सामग्री ही थी लेकिन आज भारतीय सेक्स बाजार जोरो पर मुनाफा कमा रहा है और हमारी सांस्कृति को रौँद रहे है और भोले लोगो की जेबो को काट रहे है लुभावने विज्ञापन जिन्हे जिस अदा से परोसा जाता है की हम आर्कषित हो जाते है और अपना क्रेडिट कार्ड उन पर लुटा देते है आज की इस समस्या के हल का कोई विकल्प नजर नही आता आई टी विशेशज्ञ भी बेबस है हमारी सरकार इस दिशा मे गंगू और बहरी बनी हुई है मुझे शक होता है कही सेक्स बाजार की कमाई मे हमारे नेताजी का भी हिस्सा हो इस बात मे कोई शक नही खैर पहले हमे सुधरना होगा तभी हम औरो को सुधार पायेगे इस लिये मैँ अपने मुँह पर उँगली रखता हुँ और अपनी कलम को यही विराम देता हुँ धन्यवाद - जय राष्ट्रवाद

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

रामदेव का योग राजनीति का आसन

राजनीती गलियारो मे एक नया हल्ला मच गया योग गुरू की कपालभाती क्रिया को नेतागीरी ने कपाल क्रिया करने को ठान लिया है पत्रकार बंधुओ को बैठे ठाले महिने भर का मसाला मिल गया मुझे रामचरित्र मानस का धनुभंग प्रंसग याद है जिसमे एक ऋषि पुत्र के मुख से वीर रस फूट पड़ता है ओर वह वीरता का बखान करते है वैसा ही कुछ आजकल हमारे योग गुरु कर रहै है परशुराम ने धरा को 21 बार क्षत्रियो से विहीन कर दिया था और भूमि ब्राहम्णो को दान कर दी और हमारे योगगुरु भ्रष्टाचार को 21बार तो नही कम से कम 1 बार तो हटाने का अभियान मै जुटे है जिस भ्रष्टाचार और कालेधन की बात बाबा ने छेड़ी है बह बात हमारी 50 साल की परिपक्व सरकार भी न छेड़ पाई ओर बाबा ने बात यूँ छेड़ी वह बात न हुई विष कि लहर हो गई जिसने राजनीती ठेकेदारो का दम घोँट कर रख दिया पर बाबा बेचारे कच्चे खिलाड़ी है आकड़ो के पुलिँदे लिये यहाँ वहाँ अपनी बात रख रहे है और हमारी जनता जिसने एक एसा चशमा पहन रखा है जो सिर्फ सफेद खादी को ही देखता है केसरिया बाना शायद उसे साप्रदायिक लगता होगा अब क्या करे बाबा तो बिगुल बजा चुके है नेताजी भी कमर कस कर तैयार बैठे है कब बाबा की पोल खोले बाबा को भी इनसे सावधान रहना चाहिये ये अगर अपनी औकात मेँ आ जाये तो आपकी लंगोटी तक उतार सकते है इस लिये मैरी सलाह है बाबाजी एक बार आप खादी पहन कर देखिये हो सकता है खादी की गरीमा जो हमारे राजनीतीज्ञ छंछूदरो ने मटिया मेट कर दी शायद आप के पहन लेने से वह फिर से धवल हो जाय ओर हमारे देश को एक और गांधी मिल जाये धऩ्यवाद