आज तिरंगे को लहराने दो लाल चौक को केसरिया हो जाने दो राजनीती के चर्मकारो तुम देश की खाल मत उधेरो इन रस्त्रवादियो की राहो में मत आओ अल्गंवादियों के दल्लो आज तो देश भक्त बनो तुम्हरे जात सूअर की हो गई है क्या हम आज सरम होती है आप जैसे राजनेता कुछ अच्चा नहीं होने देते आज़ादी की कीमत दो कौड़ी कर के रख दी अग्रेज आज भी हम पर भारी है हम आज भी उनका दिया खाते है उनका दिया पहनते है आचरण भी उनके जैसा करते है अगर ऐसा है तो तुम्हे इस आज़ादी को भोगने का कोई अधिकार नहीं आज हमारी कोठिया आनाज से भरे है लेकिन अनंदाता खुद नंगा भूखा मर रहा है तुम अपने को देश भक्त कहते हो हमारा भारत हमारे देश सिर्फ तुम्हे २ दिन ही याद रहते है बाकी ३६३ दिन अग्रेजो की जी हुजूरी वाह मेरे देश के नेताओ चुल्लू भर पानी मैडूब मरो तुम देश मैं पैदा ही नहीं