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शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

भारत वो सनातन भूमि है जहाँ ज्ञान तर्क और सत्य अन्वेषण जैसा प्रकाश है भारत मेँ अरब की तरह न रेत है और ना ही आंतकित धर्मान्ध आंधिया है जो मानव के विवेक की आंखे बंद कर देँ सनातन भूमि जहाँ धर्म और कर्म जीवन के दो पहिये है
जीवन इसी के सहारे चल रहा है भारत मेँ रहने वाला चाहे किसी भी पंथ को मानता हो लेकिन उसके गुणसूत्र सनातनी है
भारत वो भूमि है जो वसुधैव कुटुबंकम भी कहती है और सर्वे भवतुं सुखिन: भी
मातृभूमि को र्स्वग से महान कहने वाले इस देश के 100 करोड़ आंतकवादी और मातृभूमि की वंदना करने से इंकार करने वाले मुस्लिम राष्ट्रवादी कैसे हो सकते है
जब आज भारत का गृहमंत्र भगवा आंतकवाद की बात करता है तो उसका विरोध करने की हिम्मत ना तो वाम पंथी करते है न समाजवादी और ना ही दलित जबकी अंधिकाश राजनैतिक तबका हिँदू धर्म का अनुयायी ही है भगवा आंतकवाद शब्द मेँ उन सभी राष्ट्रवादियो का समावेश हो जाता है जिनहोने मातृभूमि और धर्म के रक्षार्थ जीवन बलिदान कर दिया गुरु तेगबहादूर गुरुगोबिँद सिँह शिवाजी राणा प्रताप लक्ष्मी बाई तात्या टोपे मंगल पांडे खुदाराम बोस लाजपतराय भगतसिँह आजाद बिस्मिल सुभाष बिरसा मुंडा आदी जैसे हिँदू वीर थे आज ये भी आंतकवादी घोषित हो गये उन अरबी 25 करोड़ लूटेरो के सामने
इतिहास साक्षी है भारत के मुसलमानो मेँ राष्ट्रवाद कभी नही जागा एक दो के सिवाय भारत के मुसलमान अपनी मोहम्मदपंथी विचार धारा मे इतने गहरे उतर चुके है की सनातन राष्ट्रवाद के किनारे पर आ ही नही सकते भारत मे जब तक हिँदू है तब तक भारत सुरक्षित है जिस दिन हिँदू घटेगा तो भारत भी सीरिया मिस्र लेबनान की राह पकड़ लेगा भारत मेँ अगर भगवा आंतकवाद होता तो आज आंतकवादी माओवादी अलगाववादी समस्या नही होती
आज भारत मे छद्म सेकुलर और मुस्लिम तुष्टी करण जैसा नया आंतकवाद पैर पसार रहा है जिसका उद्देशय भारत को इस्लामिक राष्ट्रबनाना है भगवा को आंतकित बताने वाले हिँदू सेकुलर दुशासन की भूमिका मेँ है जो सबकुछ हार चुके है
याद रखे जिस दिन भगवा आंतकवादी बन गया उस दिन भारत मे.1857 दोहरा दिया जायेगा इसलिये कहता हुँ अहिँसा परमो धर्म
सूक्ति को पूरा पढो
हिँदू मर सकता है आंतकवादी नही हो सकता है
क्योकी सनातन धर्म दुष्टो के लिये युद्ध का आह्वान करता है आंतक नही फैलाता हम गीता का अनुसरण करते है किसी के कहने पर नही चलते हम वो अंधे नही है जो अनदेखा विश्वास करे
जिस दिन हिँदू एकता का प्रभाव होगा उस दिन भारत पर भगवा का राज होगा और इस्लामिक आंतकवाद का विनाश
जय माँ भारती

मंगलवार, 8 जनवरी 2013

आज फिर गीता पढे


भारत की लाल सरहद हो गई
नंपुसकता की हद हो गई
एक आशा एक राखी एक रोटी रो दी
किसी ने देश के लिये जवानी खो दी
एक परिवार न भविष्य
की कहानी खो दी


अब भारत का भूगोल बदलने का वक्त है
अगर तुमहारे शरीर मेँ
स्वाभिमानी का रक्त है

फौजी का सर वे ईनाम समझ कर ले गये
शिँखडीयो पर किया भरोसा हाथ मल
कर रह गये भारत माँ का लाल
था जो सिर कटा कर शहीद
हो गया मेरा इंडिया भारत पाक
सीरिज का मुरीद हो गया गांधी के
चमचो ने गाल पेश कर
दिया राष्ट्रवाद को कुर्सी ने बेहोश
कर दिया भगत सिँह कब
जनेगी मातृभूमि मेरी आखिर कब तक
खून पियेगा पाकीस्तान बैरी मत
तो करता है मेरा गोड़से बन जाउ इक
इक गांधी का सिर काट लाऊ मजबूर हुँ
शस्त्र सांप्रदायिकता के पास
गिरवी पड़े है हम तो तुच्छ
राष्ट्रवादी है राजनिति चाटुकार
हमसे बड़े है राह तक रही है आंखे
कुरुक्षेत्र की फिर धूल उड़े आओ मिल कर
फिर गीता सार पढे

शनिवार, 5 जनवरी 2013

संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने बयान दिया बलात्कार भारत मे कम इंडिया मेँ ज्यादा होते है मीडिया को तो जैसे तमाचा लगा और क्रीम लिपिस्टक से पुति अधेड़ नवयौवनायेँ जो महिला आयोग नामक दुकान चलाती है उन्हे तो मिर्गि का दौरा ही पड़ गया
भारत और इंडिया की व्याखया आज होनी चाहिये भागवत जी के ये शब्द तीखे जरूर है क्योकी इनका फल नोँकदार सत्य की तरह है जिसे देख कर मुँह नही छिपाया जा सकता आज भारत न गांव मे है न इंडिया मे किताबो से भी लुप्त हो चुका है किसी का गर्भपात किया गया हो और छोटे छोटे माँस के लोथड़े निकाले जाते है वैसी ही पाश्चात संस्कृति भारत को मिटा रही है शनै: शनै:
धर्म को सेकुलर और वामपंथी लील गये है नैतिक शिक्षा पब्लिक स्कूल खा गये संस्कार आज कौड़ियो के भाव भी नही मिलते आज क ख ग नही A B C से बचपन शुरु होता है आज प्रणाम नही हेलो हाय होता है और ये ABC और हेलो हाय उन गांवो मे भी पँहुच चुका है जिनके नाम ही अटपटे है आधुनिकता की चकाचौध मे आंखे चुँधिया ग ई है सबकी इंडिया और भारत मे भेदभाव तक नही कर पा रहे है

सोमवार, 31 दिसंबर 2012

कुछ पक्तियाँ देश की दशा पर

भारत मे भुखमरी है मरते किसान है
पुलिस के मजबूत डंडे है काला धन कमाने
के हथकंडे है धर्म बंधक है
सेकुलरी तहखाने मेँ संस्कृति के सुहाग
चिन्ह तोड़े जा रहे है
पश्चिमि जनाना खाने मे गुरु अब
घंटाल हो गये कांनवेटी दड़वे
मालामाल हो गये नारीयो के चीर
अब बिकने लगे है मेरी आजादी की आड़
मेँ लज्जा त्याग मर्यादा झोँक
दी आधुनिक भाड़ मे अपनी भाषा से मुँह
मेँ छाले हो गये माखन प्रसाद
दिनकरो के काव्य मे लाले हो गये
श्रंगार की दुकानो बूढी भी बालायेँ
हो गई आज बहुँ भी सास से
सयानी हो गई दहेज न लाई
जला दी गई जो पैदा होते कोख मे
मारी गई वो बेगानी हो गई
सन्नि लियोन टी आर
पी की कहानी हो गई शराब स्टेटस
सिँबल बन गई दूध देने वाली गाय
दुर्बल बन गई देश मे आंतकवाद
अलगावबाद और दंगे है क्योकी कुछ
वोट के भिखमंगे हमाम(संसद) मे नंगे है
वो कहते है मैँ झूठ लिखता हुँ
तो तुमहारा सच मुझसे मुंह
क्यो छापाता है